रविवार, 15 जनवरी 2023

कबीर के दोहे

 

कबीर के दोहे

1.राम नाम कै पटंतरे, देबे कौं कुछ नाहिं।
क्या लै गुरु संतोषिए, हौंस रही मन माँहि॥

2.हंसि हंसि कंत न पाइए जिनि पाया तिनि रोइ।
जो हाँसेही हरि मिलै तो नहीं दुहागनि कोइ॥

3. कायर बहुत पमांवहीं, बहकि न बोलै सूर।

काम पड्यां हीं जाणिये, किस मुख परि है नूर!!

 

4.भक्ति दुहेली राम की , नही कायर का काम।

शीश उतारे हाथ लै, सो लेही हरी नाम।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें