आहुति कहानी के आधार पर रूपमणि का चरित्र चित्रण कीजिये ?
उत्तर- आहुति कहानी में वर्णित रूपमणि का
चरित्र अन्य पात्रो की तुलना में अधिक विचारशील है । वैचारिक दृष्टि से रूपमणि
गांधीवादी विचारो का करती है। रूपमणि एक विचारशील युवती है इसलिए वह बिशम्भर के
विचारों से बहुत ही शिघ्र आकर्षित होकर स्वतंत्रता आंदोलन को समर्थन करने लगती है ।
रूपमणि में निम्न विशेषताएं देखने को मिलती है ----
1 . विचारशील युवती –
रूपमणि भावनाओ
में बह नही जाती वह किसी भी विषय पर विचार करती है और विचार रखती भी है। जब विसंभर
स्वतंत्रता आंदोलन की तरफ बढ़ जाता है और आनंद नाराज हो जाता है तब वह उसके सामने
अपने विचार रखती है “ रूपमणि ने जोश से कहा- इतना करके जाना
बहुत सस्ता नही है।
2. सह्रदय – रूपमणि ब्यवहार में बहुत सह्रदय
युवती है विसंभर जब स्वतंत्रता आंदोलन में जाने लगता है तब वह विसंभर के प्रति दया
भाव से भर जाती है तथा वह भी उसके साथ जाने की प्रार्थना करती है विसंभर के मना
करने पर उसके हृदय के कोमल भाव विसंभर के लिए प्रार्थना करते है – “मैं ईश्वर से
तुम्हारे लिए प्रार्थना करती रहूंगी।“
3. तर्कशील –
रूपमणि जितनी
भावुक सहृदय युवती है उतनी ही तर्कशील है वह आनंद को अपने तर्कों से पराजित कर
देती है। आनंद के तर्कों का जवाब वह अपने हिसाब से देती है –“ क्या चाहते हो
कि जमीनदार, वकील औऱ ब्यापारी गरीबो को चूष चूष कर मोटा होते
जाय …… कम से कम मेरे लिए तो स्वराज का यह अर्थ नही है कि
जॉन की जगह गोविंद बैठ जाए।
4. अच्छी मित्र-
रूपमणि आनंद एवं विसंभर दोनो की
अच्छी मित्र है मित्र धर्म का पालन भी करती है जब आनंद विशंभर का उपहास करता है तब
विसंभर की ओर से रूपमणि मोर्चा संभालती है वह आनंद के कटु वचनों का जवाब देती है-
विसंभर ने देहातो में ऐसी जागृति फैला दी है कि विलायत का एक सूत भी
बिकने नही पाता ।“ …….. रूपमणि ने जोर से कहा इतना करके
जाना सस्ता नही है।
5. क्रांतिकारी- रूपमणि प्रारम्भ में भले ही क्रांति से उतनी प्रभावित न हो
किन्तु बाद में वह विशम्भर की प्रेरणा से क्रांतिकारी हो जाती है ओर कहती है – विसंभर ने जो
दीपक जलाया है वह मेरे जीते जी बुझने ना पायगा ।“
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