रविवार, 15 जनवरी 2023

 

विद्यापति पदावली

1.   सैसव जौवन दरसन भेल। दुहु दल-बलहि दन्द-परि गेल।।
कबहुँ बाँधए कच कबहुँ बिथार। कबहुँ झाँपए अँग कबहुँ उघार।।
थीर नयान अथिर किछु भेल। उरज उदय-थल लालिम देल।।
चपल चरन, चित चंचल भान। जागल मनसिज मुदित नयान।।
विद्यापति कह करु अवधान। बाला अंग लागल पंचवान।।


अविरल नयन गरए जलधार । नव जल विन्दु सहए के पार ॥

कि कहय साजनि ताहेरि कहिनी । कहहि न पारिय देखलि जहिनी ॥

कुच युग ऊपर आनन हेरे । चान्द राहु डरे चढ़ल सुमेरु ॥

अनिल अनल वम मलयजबीख। जेओ छल शीतल सेय्रो भेल तीख ॥

चान्द सतावए सबिताहु जीनि । नहि जीवन एकमतभेलि तीनि ॥

किछु उपचार मान नहि आन । ताहि बेग्राधि भेषज पश्चवान ॥

तुभ दरसन विनु तिलाओ न जीव । जइअगो कलामति पीउख पीब ॥


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